Friday, January 4, 2019

नैन्सी पेलोसी: अमरीका की सबसे ताक़तवर महिला

अमरीका के कैलिफ़ोर्निया से डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद नैन्सी पेलोसी अमरीका की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर चुनी गई हैं.

इस पद पर पहुंचने के साथ ही वो अमरीका की सबसे ताक़तवर महिला बन गई हैं, वहीं राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के बाद अमरीका की तीसरी सबसे ताक़तवर शख़्सियत भी बन गई हैं.

अमरीका में हाल में हुए मध्यावधि चुनाव के बाद निचले सदन यानी कि हाउस ऑफ़ रिप्रज़ेंटेटिव में डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत में आ गई है. पेलोसी की जीत ऐसे वक़्त में हुई है जब राष्ट्रपति ट्रंप के मैक्सिको की सीमा पर दीवार बनाने को लेकर फ़ंड की मांग पर अमरीका में लगभग शटडाउन की स्थिति है. 78 वर्षीय पेलोसी ट्रंप के दीवार बनाने की योजना के ख़िलाफ़ हैं.

अपने चुनाव पर उन्होंने कहा, ''मुझे गर्व है कि मैं संसद के इस सदन की स्पीकर बनाई गई हूं. ये साल अमरीका में महिलओं को मिले वोट के अधिकार का 100वां साल है. सदन में 100 से ज़्यादा महिला सांसद हैं जिनमें देश की सेवा करने की क़ाबिलियत है. ये संख्या अमरीकी लोकतंत्र के इतिहास में सबसे ज़्यादा है.''

नैन्सी पेलोसी अब न सिर्फ़ स्पीकर हैं बल्कि अमरीकी संसद में विपक्ष का नेतृत्व भी करेंगी. अमरीका की राजनीति में उनका सफ़र असाधारण रहा है. साल 2007 में वो कुछ वक़्त के लिए स्पीकर रही थीं.

इसके साथ ही वो साल 2018 के मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की रणनीतिकार भी रहीं.

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पेलोसी हमेशा से रिपब्लिकन पार्टी के निशाने पर रहीं हैं. उन पर बेहतर स्पीकर ना होने के आरोप लगते रहे.

नैन्सी पेलोसी का बचपन पूर्वी अमरीका के मैरीलैंड राज्य के बाल्टिमोर शहर में बीता. उनके पिता इस शहर के मेयर रहे. सात भाई बहनों में सबसे छोटी पेलोसी अपने माता-पिता की अकेली बेटी है.

साल 1976 में अपने परिवार के राजनीतिक संबंधों का लाभ उठाते हुए पेलोसी ने राजनीति में क़दम रखा. उन्होंने डेमोक्रेट नेता और कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर जैरी ब्राउन की चुनाव में मदद की.

साल 1988 में उन्हें पार्टी का उप प्रमुख चुना गया. इस दौरान उन्होंने एड्स बीमारी पर शोध के लिए धन मुहैया कराने को प्राथमिकता दी. साल 2001 में नैन्सी पेलोसी को निचले सदन में संसदीय समूह का नेता नियुक्त किया गया.

स्पीकर बनने के मायने

अमरीकी संविधान में इस पद की व्याख्या चैंबर के नेता के तौर पर की गई है. इसके मुताबिक ज़रुरत होने पर उप राष्ट्रपति के बाद स्पीकर राष्ट्रपति की जगह ले सकते हैं.

हाउस ऑफ़ रिप्रज़ेंटेटिव में बहुमत रखने वाली पार्टी का विधायी एजेंडे पर नियंत्रण होता है. ये पार्टी बहस के नियम भी तय करती है.

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